शेखर दास की रिपोर्ट
फरीदाबाद (news24x365) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शुक्रवार को तिहाड़ जेल से बहार आये । सुप्रीम कोर्ट ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार को महत्व देते हुए केजरीवाल को जमानत तो दे दी लेकिन सुप्रीमकोर्ट की छह शर्तों को सख्ती से पालना करने के भी आदेश दिए हैं।
केजरीवाल की जमानत पर कोर्ट की 6 शर्तें
- अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं जा सकेंगे।
- किसी भी सरकारी फ़ाइल पर साइन नहीं करेंगे।
- उनके केस से जुड़ा कोई सार्वजनिक बयान नहीं देंगे।
- 10 लाख रुपए का बेल बॉन्ड भरना होगा।
- जांच में बाधा डालने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे।
- जरूरत पड़ने पर ट्रायल कोर्ट में पेश होंगे और जांच में सहयोग करेंगे।
आप को बता दें केजरीवाल शराब नीति केस में 156 दिन जेल में बिता चुके हैं। केजरीवाल को ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। 10 दिन की पूछताछ के बाद 1 अप्रैल को तिहाड़ जेल भेजा गया। 10 मई को 21 दिन के लिए लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए रिहा किया गया, ये रिहाई 51 दिन जेल में रहने के बाद मिली थी, 2 जून को केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था। शुक्रवार 13 सितंबर को केजरीवाल की रिहाई हुई है, केजरीवाल को जेल गए कुल 177 दिन हुए हैं, जिनमे वह 21 दिन अंतरिम जमानत पर रहें हैं, केजरीवाल ने कुल 156 दिन जेल में बितायें हैं।
केजरीवाल के जेल से बाहर आते ही आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं में एक अलग सी ख़ुशी की लहर दोडी है, इसके साथ-साथ उनके होसलों में भी इजाफा देखने को मिला है। माना जा रहा है की हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव पर इसका असर देखने को मिल सकता है।
आम आदमी पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनावों में अकेले जाने का फैसला किया है। आप ने राज्य विधानसभा की सभी 90 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है। आप की 20 उम्मीदवारों की पहली सूची सोमवार को जारी की गई क्योंकि कांग्रेस के साथ पार्टी की सीट बंटवारे की बातचीत टूट गई। कांग्रेस और आप ने इस साल की शुरुआत में दिल्ली में एक साथ, लेकिन पंजाब में अलग-अलग लोकसभा चुनाव लड़ा था। कांग्रेस ने हरियाणा में आम चुनावों में आप को एक सीट दी थी, जिस पर उसने असफल चुनाव लड़ा था। 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में, आप ने 46 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन राज्य में अपना खाता खोलने में असफल रही थी।